बड़े शिक्षा केंद्र में बदला आरव का स्कूल
समय बीतता गया, और आरव का स्कूल अब एक बड़े शिक्षा केंद्र में बदल गया। उसने हर बच्चे के चेहरे पर मुस्कान लाने का सपना देखा और उसे पूरा करने में जुटा रहा। उसकी जिंदगी ने यह सिखाया कि प्यार और दर्द के बाद भी, इंसान की ताकत उसे अपनी मंजिल तक पहुंचा सकती है।
आरव की सफलता की गूंज अब दूर-दूर तक सुनाई देने लगी थी। कई युवा उसकी कहानी से प्रेरित होकर उसके पास सीखने के लिए आने लगे। आरव ने महसूस किया कि बच्चों को पढ़ाने के साथ-साथ युवाओं को सही दिशा दिखाना भी उतना ही जरूरी है। उसने अपने स्कूल में युवाओं के लिए करियर गाइडेंस और स्किल डेवलपमेंट कार्यक्रम शुरू किया।
हर दिन स्कूल में नई ऊर्जा के साथ शुरू होता। बच्चे और युवा आरव के प्रति सम्मान से भरे हुए थे। गांव के बुजुर्ग भी अब उसे अपना गौरव मानते थे। आरव ने अपने स्कूल में न केवल शिक्षा दी बल्कि एक ऐसा माहौल बनाया जहां हर बच्चा और युवा अपने सपनों को साकार करने की दिशा में बढ़ सके।