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दो बच्चों की मां से हो गया प्यार, घर से भागा फिर मिला धोखा तो युवक ने उठा लिया खौफनाक कदम

गांव के लोग बने आरव के स्कूल का हिस्सा

आखिरकार, आरव ने अपनी जिंदगी का असली मकसद पा लिया – दूसरों की मदद करना और समाज को बेहतर बनाना। उसका अतीत अब सिर्फ एक कहानी था, जिसे उसने अपनी ताकत बना लिया था।

आरव ने जब बच्चों को पढ़ाना शुरू किया, तो उसने महसूस किया कि इन नन्हे चेहरों की मुस्कान ही उसकी असली जीत थी। वह अब हर सुबह नए उत्साह के साथ अपने स्कूल जाता और बच्चों को न केवल पढ़ाई बल्कि जीवन के महत्व को भी सिखाता। गांव के लोग धीरे-धीरे उसके स्कूल में शामिल होने लगे और उसे अपने बच्चों का मार्गदर्शक मानने लगे।

आरव ने अपनी जिंदगी के अतीत को एक प्रेरणा की तरह इस्तेमाल किया। वह बच्चों को अपने जीवन के अनुभव सुनाता और उन्हें यह समझाने की कोशिश करता कि जिंदगी में गलतियां और असफलताएं हमें बेहतर बनाने के लिए होती हैं। उसकी बातें बच्चों के दिल को छू जातीं, और वे उसे एक नायक की तरह मानने लगे।

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